Hello Bloggers, आप सभी का Health Wealth Funda Blog मे स्वागत है | इस लेख मे हम सूर्य नमस्कार का महत्व के बारे मे विस्तार से सीखेँगे |
सूर्य नमस्कार योग का एक सम्पूर्ण अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने में अत्यंत लाभकारी है। यह बारह अलग-अलग योग मुद्राओं से मिलकर बना है और हर अवस्था शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। इसे रोजाना करने से शरीर मजबूत और लचीला बनता है, साथ ही ध्यान और एकाग्रता भी बढ़ती है।
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का महत्व
सूर्य नमस्कार योग की एक अद्भुत श्रृंखला है। यह न केवल शरीर को ऊर्जावान बनाता है बल्कि मन को भी शांति प्रदान करता है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसे नियमित रूप से सुबह के समय खाली पेट किया जाए तो शरीर में ताजगी और ऊर्जा बनी रहती है।
अब आप लोगो को सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) के बारे मे थोड़ा सा ज्ञान हो चुका है | आइये आपको बताता हूँ सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) के बारे मे जिनका उपयोग करके हमको लाभ मिलेगा |
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सूर्य नमस्कार के विस्तृत 12 चरण
हर आसन को ध्यानपूर्वक करना चाहिए और साँसों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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प्रणाम आसन:
सीधे खड़े होकर पैरों को मिलाएँ, कमर सीधी रखें और दोनों हाथों को जोड़कर प्रार्थना मुद्रा में लाएँ। आँखें बंद करके कुछ देर तक गहरी साँस लें।
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हस्त उत्तान आसन:
हाथों को ऊपर की ओर उठाकर पीछे की ओर झुकें, छाती को खोलें और गहरी साँस लें। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
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पद हस्तासन:
साँस छोड़ते हुए आगे झुकें, घुटनों को सीधा रखें और हाथों से पैरों के पास जमीन छुएँ। यह पीठ और पैरों को मजबूत करता है।
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अश्व संचालन आसन:
दायाँ पैर पीछे ले जाएँ, बायाँ घुटना मोड़ें और सिर ऊपर करें। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
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दंड आसन:
बायाँ पैर भी पीछे ले जाकर शरीर को एक सीधी रेखा में रखें। यह शरीर की ताकत बढ़ाता है।
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अष्टांग नमस्कार:
घुटने, छाती और ठुड्डी को जमीन पर टिकाएँ। यह शरीर के आठ भागों से धरती को स्पर्श कराता है।
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भुजंग आसन:
छाती को ऊपर उठाकर कोबरा जैसी मुद्रा बनाएँ। यह रीढ़ की लचक बढ़ाता है।
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पर्वत आसन:
नितम्बों को ऊपर उठाकर शरीर को पर्वत के आकार में रखें। यह पूरे शरीर को खींचता है।
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अश्व संचालन आसन:
फिर से दायाँ पैर आगे लाएँ, सिर ऊपर करें और गहरी साँस लें।
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पद हस्तासन:
दोनों पैरों को मिलाकर फिर से झुकें और पैरों को छुएँ।
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हस्त उत्तान आसन:
खड़े होकर हाथों को ऊपर पीछे की ओर ले जाएँ। शरीर को पीछे की तरफ झुकाएँ।
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प्रणाम आसन:
फिर से हाथों को जोड़कर छाती के सामने नमस्कार मुद्रा बनाकर खड़े रहें।
निष्कर्ष (Conclusion)
सूर्य नमस्कार से पूरा शरीर सक्रिय रहता है। यह आसनों का समूह शरीर को संतुलन देता है, रक्त संचार बेहतर होता है और मन प्रसन्न रहता है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव कम होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। हर उम्र के लोग इसे कर सकते हैं।
रोजाना कुछ मिनट निकालकर सूर्य नमस्कार करने से आप स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं। इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएँ और निरोग रहें।
दोस्तों, अब आपके इस लेख के अंत मे सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) लेकर सभी Doubt Clear हो गए हैं |
FAQ’s
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सूर्य नमस्कार से कौन से रोग ठीक होते हैं?
सूर्य नमस्कार के फायदे (Benefits of Surya Namaskar)
- इसे करने से आपको कब्ज, एसिडिटी, बदहजमी जैसी समस्याएं नहीं होती हैं और आपका पाचन तंत्र स्वस्थ्य रहता है.
- चमकने लगेगा चेहरा: अगर आपका चेहरा भी गर्मी में धूप, धूल-मिट्टी के कारण मुरझा गया है.
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1 दिन में कितनी बार सूर्य नमस्कार करना चाहिए?
शरीर को हेल्दी रखने के लिए सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद होता है। इसमें 12 योगासन होते हैं। इसे रोजाना 12 बार करने से शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत मिलती हैं।
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सूर्य नमस्कार के तुरंत बाद क्या करें?
सूर्य नमस्कार पूरा हो जाने के बाद रिलैक्स करें
जब आपका सूर्य नमस्कार का आखरी राउंड भी पूरा हो जाए तो आप को लेट जाना है और अपने शरीर को रिलैक्स कर लेना है। योग निद्रा में लेटें ताकि की गई स्ट्रेच का आपके शरीर को अधिक लाभ मिल सके। अपने शरीर और मस्तिष्क को पूर्ण विश्राम देने के लिए आप शवासन में भी लेट सकते हैं।
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30 मिनट के सूर्य नमस्कार से कितनी कैलोरी बर्न होती हैं?
सूर्य नमस्कार, या सूर्य नमस्कार, एक योग अभ्यास है जिसमें कई आसन और स्ट्रेच शामिल होते हैं। सूर्य नमस्कार का 30 मिनट का सत्र लगभग 417 कैलोरी जला सकता है।
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सूर्य नमस्कार करने का सर्वश्रेष्ठ समय क्या है?
सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय है सूर्योदय का वक्त यानी कि सुबह 4:45 से लेकर 6 बजे तक। क्योंकि सूर्य के संपर्क में आने से हमारे शरीर के सारे चक्र एक्टिव हो जाते हैं और तभी पूरे शरीर को सूर्य नमस्कार करने का फायदा मिल पाता है।